खाटू के कण कण में,
बसेरा करता साँवरा,
जाने कैसा वेश बनाए,
हर गली में आया जाया,
करता साँवरा,
सांवरा तुझमे साँवरा,
साँवरा मुझ में सांवरा,
सांवरा सब में साँवरा। -2
रींगस से खाटू नगरी तक,
पैदल चलते लोग,
पीठ के बल, कोई पेट के बल,
लेट के चलते लोग,
कदम मिला भगतों के संग में,
चलता साँवरा -2
जाने कैसा वेश बनाए,
हर गली में आया जाया,
सांवरा तुझमे साँवरा,
साँवरा मुझ में सांवरा,
सांवरा सब में साँवरा।
मेले में खाटू वाले के,
जगह जगह पर डेरे...2
इस डेरे कभी उस डेरे,
कहीं पर रैन बसेरे,
आते जाते सब पर नजरें,
रखता साँवरा -2
जाने कैसा वेश बनाए,
हर गली में आया जाया,
करता साँवरा,
सांवरा तुझमे साँवरा,
साँवरा मुझ में सांवरा,
सांवरा सब में साँवरा।
बाबा के मंदिर में देखो,
लम्बी लगे कतारें,
दूर दूर के भक्त अनेकों,
उनके अजब नजारें,
कब किसको क्या क्या देना है,
परखता साँवरा -2
जाने कैसा वेश बनाए,
हर गली में आया जाया,
करता साँवरा,
सांवरा तुझमे साँवरा,
साँवरा मुझ में सांवरा,
सांवरा सब में साँवरा।
खाटू के कण कण में,
बसेरा करता साँवरा,
जाने कैसा वेश बनाए,
हर गली में आया जाया,
करता साँवरा,
सांवरा तुझमे साँवरा,
साँवरा मुझ में सांवरा,
सांवरा सब में साँवरा।