हार बैठा हु दुनिया से

हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु
तेरे दरबार आया हु तेरे दरबार आया हु....-2

किया था प्रेम जिस जिस को उन्ही से धोखा खाया है -2
हरि तू न भुला देना शरण में तेरी आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु....

सुना है बिगड़ी लाखो की कन्हैया तुम बनाते हो  -2
ना जाने खोट क्या मुझ में नजर तुम को ना आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु.....

श्याम चरणों में तेरे शीश करे वंदन तेरा ये मनीष -2
पुष्प रेहमत के बरसा दो तेरी चोकठ पे आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु....

बिन तेरे ना कोई अपना श्याम जग से सताया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु...

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