मेरी मटकी फोड़ी री यशोदा, तेरे श्याम ने

धुन- झुमका गिरा रे

मेरी मटकी फोड़ी री, यशोदा, तेरे श्याम ने ॥
मटकी, मेरी मटकी, मेरी मटकी मटकी मटकी,
मेरी मटकी फोड़ी री...

यमुना पे जल भरण गई थी,
वोह आगे पाया री, संग लेया था बलराम ने...
मेरी मटकी फोड़ी री...

समझा ले री तेरे कृष्ण ने
यो चोवै ढोँपरी, उस नंद बाबा के नाम ने...
मेरी मटकी फोड़ी री...

छोडूंगी तेरी गोकुल, नगरिया
पर क्योंकर छोड़ू री, मैं अपने घर के सामने...
मेरी मटकी फोड़ी री...

आज ही आज ते, देउँ सु उलाहना
मैं कठ्ठा कर लूंगी, इस दर के सारे धाम ने...
मेरी मटकी फोड़ी री...

कृष्ण कृष्ण हो रही बृज में
ऊ की मीठी बोली री, कि धोखु राम नाम ने...
मेरी मटकी फोड़ी री...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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