शिरडी वाले की कैसी माया,
बिना तेल के दीप जलाया,
पतजड़ के मोसम में देखो प्यार का फूल खिलाया,
शिरडी वाले की कैसी माया,
शिर्डी में धाम निराला है साईं नाथ मतवाला है,
सिर पे पटका भांध लिया कांधे पे झोला डाला है,
हाथो में कासा रहमत वाला खुशियाँ भर के लाया,
शिरडी वाले की कैसी माया....
साईं राम साईं राम भजले प्यारे साईं राम,
साईं राम के नाम से बनते देखो सबके बिगड़े काम,
शरण पड़े दीन दुखी तो साईं ने गले लगया,
शिरडी वाले की कैसी माया...
सब का मालिक एक है मेरा साईं बड़ा महान,
प्रेम प्यार है सिखलाता सब को माने इक समान,
सच कहता गोपल हे भगतो पैगाम ख़ुशी का लाया,
शिरडी वाले की कैसी माया