आज मथुरा दे विच अवतार हो गया, श्याम निक्का जेहा।
श्याम महलो में चोरी चोरी जनमा।
नाम सुन के सुखी संसार हो गया, श्याम निक्का जेहा॥
माता देवकी ने गल ना ला लिया,
वासुदेव जी ने टोकरे च पा लिया।
मथुरा छोड़ के गोकुल अवतार हो गया, श्याम निक्का जेहा॥
सारे देवता फूल बरसांवदे.
नाले गीत ख़ुशी के सब गावंदे।
कहना सोवे यमुना दे पार हो गया, श्याम निक्का जेहा॥
किथे जन्मा ते किथे श्याम पलेया।
बाबा नांद दे घर दा चिराग हो गया, श्याम निक्का जेहा॥