खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम
ये दुनिया का रखवाला है शेहनशाह ये मत वाला है
देवो में देव निराला है
झोलियाँ भरने वाला है
खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम
शीश का दानी दया का सागर सब के दुःख हरलेता,
जिस की जैसी शरदा नीयत वैसा ही फल देता
के बाबा लख दातार है ये खोलता सब भंडार है ये
नैया का पतवार है ये करता भव से पार है ये
खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम
जीवन ये अनमोल है तेरा बार बार नही मिलता
इनकी मर्जी के बिन जग में पता भी नही हिलता
समा तेरा निकल जाएगा तू बैठा फिर पछताएगा कुछ भी हाथ न आएगा
खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम
श्याम शरण में जो जाता है वो है नसीबो वाला
बाबा के दरबार में खुलता है किस्मत का ताला
के बिगड़ी बन जाए तेरी छोड़ दे सब हीरा फेरी मान ले बात यही मेरी
कृष्ण न कर तू अब देरी
खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम