जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा,
अपने ना बने अपने,
अपने ना बनें अपने,
इसने पकड़ा हाथ मेरा,
जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा।।
मुफलिस में जो सोचा था,
ये ना मिल पाएगा कभी,
मैं सोच के भूल गया,
इसने लिख ही लिया था तभी,
मेरी सोच बदल करके,
सपना किया पूरा मेरा,
जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा।।
कभी खुद को मैं देखता हूँ,
कभी देखूँ दानी को,
निज हाथों से पौंछा,
मेरी अखियों के पानी को,
अखियां अब भी बरसे,
पर बदला भाव मेरा,
जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा।।
सर उठा के जो जीना है,
दुनियां में अगर प्यारे,
खाटू जाकर देखो,
होंगे वारे न्यारे,
फिर सबको कहोगे तुम,
परिवार है ये मेरा,
जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा।।
अपने ना बने अपने,
अपने ना बनें अपने,
इसने पकड़ा हाथ मेरा,
जब से खाटू आया,
खाटू वाला बना मेरा........