मैं हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मै हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा।।
दाल चुरमे का भोग बणाया,
तुं आके भोग लगाईए,
प्रेतराज और भैरव नै तुं,
अपणी गैल्या लयाईए,
तेरे और अंजनी मईया के हो हो हो,
तेरे और अंजनी मईया के,
चरण दबाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मै हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा।।
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा.......
दुनिया के दुख दुर करण,
तुं मेंहदीपुर आ रहया,
तीन पहाड़ और घाटे आले प,
अपणा डेरा ला रहया,
तुं भजन राम के करिए न हो हो हो,
तुं भजन राम के करिए,
मैं जोत जगाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मै हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा।।
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा........
तेरे चरणां में मेरी विनती,
ह्रदय की जोत जगाईए,
रात दिना की सेवा करुं,
ऐसा जतन बताईए,
मन्नै दर्श करादे श्रीराम का हो हो हो,
मन्नै दर्श करादे श्रीराम का,
तने शीश झुकाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मै हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा।।
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा.......
गुरू मुरारी बाबा समचाणे में,
धाम बणा स तेरा,
चतुर्भुज तेरा ध्यान धर,
कर्म बणा दिए मेरा,
होली और दिवाली प हो हो हो,
होली और दिवाली प,
तेरा रोट लगाऊंगा,
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा,
मै हरियाणे का जाट बालाजी,
तेरी धज्जा चढ़ाऊंगा।।
मन्नै रख ले अपने चरणां में,
तेरी टहल बजाऊंगा.....