ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा

ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा,

करा काम किसे ने खोट्या हमने दुःख हो रहा मोटा,
हमारे दो पितर से बाबा इन्हे दोनुया का गल घोटा,
हर उठा के हाथ में सोटा तू कर इन्साफ दिए बाबा,
ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा,

कोई जुल्मी जुलम कमा गया पितर के बंध लगा गया,
मैं बहुत घना तंग पा गया मैं फिरू सु भागा भागा,
भंधन भीतर के काटो तू कर इन रूल बाबा,
ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा,

थोड़ी दया करो बजरंगी म्हारी हर्लो ये तंगी,
कोई चल गया चाल बेढंगी माहरी हुलिया होइ बे रंगी,
महारा हॉवे जीवे अखाड़ा तू कर इन्साफ दिए बाबा,
ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा,

मुझे विजय भक्त ने कह दी म्हणे तेरी अर्ज लगा दी,
पल भर में मेहर जता दी माहरी साड़ी पीढ़ मिटा दी,
महारे पितर के बंध कांटे तनहे गये निरोल बाबा,
ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा,
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