पकड़लो हाथ जगदम्बे नहीं तो डूब जाउंगी
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा, मैं अपनी जान दे दूंगी
तो बैठी शेर पे मैया, मैं नीचे इस तरह से हु
उत्तर आ शेर से मैया, मैं दर्शन कर के जाउंगी
पकड़लो हाथ जगदम्बे नहीं तो डूब जाउंगी
कि दीपक तुम बनो मैया,कि बाती मैं बनु मैया
जला दो जोत हिर्दय मैं , मैं आरती कर के जाउंगी
पकड़लो हाथ जगदम्बे नहीं तो डूब जाउंगी
खड़ी है बीच भवर नैया, लगा दो पार इसे मैया
खिवैया बन के आ जाओ, नहीं तो डूब जाउंगी
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा, मैं अपनी जान दे दूंगी
पकड़लो हाथ जगदम्बे नहीं तो डूब जाउंगी..