जय रघुनंदन राम निरंजन,
भजा है सोई जीता रे,
राम भजा सोई जीता जग में,
राम भजा सोई जीता रे,
जय रघुनंदन राम निरंजन ।।
रघुपति राजा राम पतित पवन सीता राम,
ईश्वर अल्ला तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान,
रघुपति राजा राम पतित पवन सीता राम ।।
हाथ सुमरिनी पेट कतरनी,
पढ़े भगवत गीता रे,
ह्रदय सुध नहीं आहे मोरे,
कहत सुनत दिन बीता रे ।।
जय रघुनंद राम निरंजन
भजा है सोई जीता रे.....
आन देवकी पूजा किन्ही,
हरि से रहा अमिता रे,
धन जोगन तेरा यही रहेगा,
अंत समय चली रीता रे ॥
जय रघुनंद राम निरंजन
भजा है सोई जीता रे.....
भावरियाँ बन मैं तंद रोपे,
संग में फिरे मचिता रे,
कहे कबीर काल यु मारे,
जैसे मृग को चीता रे ॥
जय रघुनंदन राम निरंजन,
भजा है सोई जीता रे,
राम भजा सोई जीता जग में,
राम भजा सोई जीता रे,
जय रघुनंदन राम निरंजन.......