जब श्याम की यादें आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
राह तुम्हारी तक तक कर,
आंख भी थक थक जाती है.....-2
पर पाए ना तू,
पाए ना तू आँख तुम्हारी,
झर झर नीर जो बहती हैं,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
तुम बिन सूना है जीवन,
तुम बिन सूना है आंगन है....-2
पर हे मन मोहन,
हे मन मोहन मुझ को प्रीतम,
तेरी याद सताती है,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है.....