मैं होली कैसे खेलू री या सांवरिया के संग रंग में...
कोरे कोरे कलश मंगाए उनमें घोरा रंग,
भर पिचकारी ऐसी मारी चोली हो गई तंग,
रंग में होली कैसे खेलूं री...
नैनन सूरमा दांतन मिस्सी रंग होत बदरंग,
मशक गुलाल मले मुख ऊपर रहे कृष्ण को संग,
रंग में होली कैसे खेलू री....
तबला बाजे सारंगी बाजे और बाजे मृदंग,
कान्हा जी की बांसुरी बाजे राधा जी के संग,
रंग में होली कैसे खेलूं री....
चुनरी भीगोई लहंगा भिगोयो छूटो किनारी रंग,
सूरदास कहै कहां भिगोए कारी कमरी अंग,
रंग में होली कैसे खेलूं री.....