बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया
भजले साँवरिया तू भजले साँवरिया,
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया।।
माया ने ऐसा भरमाया, बालापन हंस खेल गवाया,
पाके नर तन को बावरिया, मन भजले साँवरिया।।
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया।।
गयी जवानी यूँही हाथ से, प्रेम हुआ नहीं रघुनाथ से,
अब जारी चिंता शरीरिया, मन भजले साँवरिया।।
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया।।
देखि बुढ़ापा सब मुख मोड़े, अब भी तू नहीं जग को छोड़े,
होया मोह बजरिया, मन भजले साँवरिया।।
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया।।
आजा सद्गुरु शरण में आजा, सिया अनुज पा राघव राजा,
फूटे पाप गगरिया, मन भजले साँवरिया।।
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया
बीती जाए उमरिया, मन भजले साँवरिया।।