तर्ज – दिल के अरमां आंसुओं में बह गए
मदन मोहन तेरी शरण में आ गए,
बांसुरी सुनने हम मिल जुल आ गए॥
मोहन रंग चुनरी रंगाई लाल चटक,
ओढ़ चुनरी अंगना में बैठी सखियों संग,
मोहन की सब पुजारी बन गए,
मदन मोहन तेरी........
मीठी-मीठी रस भरी कलियाँ खिली,
रुप रंगीली छैल छबीली राधा मिली,
क्या करें हम टेर लगाए आ गए,
मदन मोहन तेरी........
घूंघट पट जब खुल गए श्यामा मिले,
नैनों से नैना जब मिले मन बस गए,
नजरों ही नजरों में मोहन पा लिए,
मदन मोहन तेरी........
मोहन से लौ हम सदा ही लगाएंगे,
रुठेगें मोहन चरण पड़ मनाएंगे,
दास मोहन के सभी बन जाएंगे
मदन मोहन तेरी........