आँख्या को काजल थारो, होठां की लाली जी,
तो अईया की लटक न पेल्या देखि भाली जी
आँख्या को काजल थारो.....
मोर मुकुट की थारे, सोभा घनेरी जी,
तो केसर को टीको,नख बेसर मतवालीजी
आँख्या को काजल थारो,......
काना में कुण्डल थारे,गले में गलपटियो जी,
तो कुण्डल के निचे,झूमे चम् चम् करती बाली जी
आँख्या को काजल थारो,......
हीरो और पन्ना जडियो,हार जड़ाऊ जी
तो कटी पर लटके,लट नागन जैसी काली जी
आँख्या को काजल थारो,......
दुलरी तिलरी भी झूले,बाजूबंद पुच्ची जी
तो फेंटो गुलनारी जापे झीनी झीनी जाली जी
आँख्या को काजल थारो.........
पिले पीताम्बर माहि,लहर अनूठी जी
तो रुनक झुनक बाजे,नूपुर नखराली जी
आँख्या को काजल थारो......
श्याम बहादुर थारा,हरजस गावेजी,
तो उजड़ये दिला का दाता थे ही हो वनमाली जी
आँख्या को काजल थारो.......