ब्रामाण्ड मे रहती हो या गुफा में रहती हो,
इतना तो बतादो माँ तुम कहाँ पे रहती हो......
मैया दिन बना है कैसे,
हुआ इतना उजाला कैसे,
अंखियो की रोशनी है या दीप जलाती हो,
ब्रामाण्ड मे रहती हो या गुफा में रहती हो.....
मैया रात बनी है कैसे,
हुआ इतना अँधेरा कैसे,
तुम काजल लगाती हो बालों को लहराती हो,
ब्रामाण्ड मे रहती हो या गुफा में रहती हो......
माँ पृथ्वी है तेरी थाली,
आकाश है तेरी छतरी,
क्या सूरज खिलौना है या चन्द्रमा खिलौना है,
ब्रामाण्ड मे रहती हो या गुफा में रहती हो......
हुआ फिर निर्माण माँ कैसे,
हुआ फिर विस्ताना कैसे,
तुम छलिया नारी हो या रूप बदलती है,
ब्रामाण्ड मे रहती हो या गुफा में रहती हो.....