गंगा मियां तू सब की पीड़ मिटा देना

तेरी निर्मल पावन धार माँ करती सब का उधार माँ,
जो आये शरण तू उसको पार लगा देना,
गंगा मियां तू सब की पीड़ मिटा देना,

श्री हरी के चरणों में था तेरा वसेरा मईयां
ब्रह्मा जी ने आज्ञा देके धरा पे उतारा मईयां,
तेरा वेग मियां जी भारी विकराला था,
भोले ने सिर ऊपर तुम को सम्बाला था,
है पाप नाशनी पाँवन हमे बना देना,
गंगा मियां तू सब की पीड़ मिटा देना,

भगी रथ की विनती मानी दिन वरदान माँ,
सगर जी के पुत्रो का किया कल्याण माँ,
आठो ही वस्तुओं का तूने शाप काटा था
पापो को ले तुमने बस प्यार बांटा था,
अमिरत बर्षा कर मियां सदा पीला देना,
गंगा मियां तू सब की पीड़ मिटा देना,

भारत है देश मेरा ऋषियों की भूमि मियां,
राम कृष्ण अर्जुन की यही कर्म भूमि मईयां
आकर के सब तुझमे डुबकी लगा ते है,
रश्मी विसरियाँ भी तेरे गीत गाते है,
हमे अंत समय में अपनी गोद बिठा लेना,
गंगा मियां तू सब की पीड़ मिटा देना,

download bhajan lyrics (938 downloads)