मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भगतो को बुलाया है,
दुःख को हरे झोली भरे दयालु है मेरी माँ,
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भगतो को बुलाया है॥
आयी दुनिया त्याग के मैया की शरण में,
सच्चा सुख और चैन है मैया के चरण में,
सेवा करू दिन रात तेरी,
पूजा करू दिन रात तेरी,
दुःख को हरे झोली भरे दयालु है मेरी माँ,
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भगतो को बुलाया है॥
विनती है हमारी कल्याण करो माँ,
सिद्ध अपनी भगतो ध्यान धरो माँ,
हमारे हर पल करना रखवाली,
जगत जननी माता और शेरावाली,
दुःख को हरे झोली भरे दयालु है मेरी माँ,
मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भगतो को बुलाया है॥