हर हर शिव शिव गाये जा,
भक्ति का दीप जलाये जा,
अंत समय आ जायेगा,
तब सिर धुनकर पछतायेगा तू,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
हर हर शिव शिव गाये जा,
भक्ति का दीप जलाये जा,
अंत समय आ जायेगा,
तब सिर धुनकर पछतायेगा तू,
जो शिव की शरण गहे उसे क्या कष्ट रहे,
जो शिव की शरण गहे उसे क्या कष्ट रहे।
जो शिव जी का अनुरागी है,
जो तन मन से वैरागी है,
जग में उसको दुर्लभ क्या है,
जो माया मोह का त्यागी है,
धरा के भव बंधन से मृत्यु और जीवन से,
मुक्त हो जाता है वही जग से,
हर हर शिव शिव तू गाये जा,
भक्ति का दीप जलाये जा,
अंत समय आ जायेगा,
तब सिर धुनकर पछतायेगा तू,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो।
भोले तो धरदानी है,
हर दान की एक कहानी है,
आँखों में स्नेह का सागर है,
होठो पे अमृत बानी है,
उन्हे जो अपनाता है उन्ही का हो जाता है,
उसी का ही जीवन तो सफल कहलाता है हो,
हर हर शिव शिव गाये जा,
भक्ति का दीप जलाये जा,
अंत समय आ जायेगा,
तब सिर धुनकर पछतायेगा तू,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
हर हर शिव शिव गाये जा,
भक्ति का दीप जलाये जा,
अंत समय आ जायेगा,
तब सिर धुनकर पछतायेगा तू,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो,
ओ शिव का जाप करो दूर संताप करो।