शयन आरती
मेरो छोटो छोटो ठाकुर वा की छोटी छोटी अखियां
वा की नन्ही नन्ही अखियों मे तु समा जा प्यारी
निंदिया
ओ मेरो.....
1.छोटो सो है ठाकुर मेरो,दो नैना कजरारे
बांकी अल्कन तिरछी चितवन,जो देखें मन हारे
वाकी बांकी चितवन को,चुरा जा प्यारी प्यारी
निंदिया
ओ मेरो....
2.ठाकुर मेरो भोलो भालो,करे रसीली बतियां
मधुरी मधुरी वाणी सुन कर,शीतल होंवे सखियां
वाकी मधुरी मधुरी वाणी में तुं,समा जा प्यारी
निंदिया
ओ मेरो.....
3.मैय्या सुलावे पलना में अब,सोवत नंद गोसंईया
देत असीस सबै बृजवासिन,ग्वाल बाल और
गंईया
वाकी बांकी झांकी चितवन,को चुरा जा प्यारी
निंदिया
ओ मेरो....
वाकी नन्ही नन्ही अंखियों मे तुं,समा जा प्यारी
निंदिया मेरो छोटो-छोटो ठाकुर,वाकी छोटी-
छोटी अंखियां