होकर लीले पे सवार आजा सांवरिया सरकार
थारी ज्योति जगाई जी, जगाई ओ बाबा ज्योति जगाई जी
होके लीले पर सवार.....
घणा दिन सु आश लग रही मन में चाव हे भारी,
आंगनिये पधारो बाबा बाट उडीका थारी,
थारे आया बणसी बात, आकर रख दो सर पर हाथ,
थारी ज्योत जगायीजी ......
दुःख सुख की बात्ता करनी हे थासु भोत कन्हैया,
प्रीत लगाकर ना बिसराओ ,हंस देगी या दुनिया,
मन में करल्यो सोच विचार,महारा खाटू का सरदार,
थारी ज्योत जगाई जी......
सूत्या हो तो जागो बाबा जागो हो तो आओ,
मन को धीरज छुट्यो जावे मतना देर लगाओ,
थे हो भगता का आधार ,आकर थाम लेवो पतवार,
थारी ज्योति जगाई जी..