दर्शन के अमृत को बाबा प्यासा ये मनवा तरस रहा,
दर्शन दो मरघट वाले जन्मो से जीयारा तरस रहा ॥
सिंधुरीवर्ण अंजनी माता के तुम हो आख के तारे,
राम नाम का अमृत पीते अंग संग राम तुम्हारे ॥
महलो की परये बाबा प्यार तुम्हारा बरस रहा,
दर्शन दो मरघट वाले जन्मो........
राम चरण अस्थान तुम्हारा शिवशंकर अवतारी,
सिया राम का भगतन तुमको माने सब संसारी॥
सब देवो की शक्ति तुम में अजब नजारा बरस रहा,
दर्शन दो मरघट वाले जन्मो......
बाला बन में सूर्य गारस कर अपनी शक्ति दिखाई,
अंधकार में डूबी किश्ती मच गई तराही तराही ॥
देवो ने मिल अस्तुति गई प्रेम नजारा बरस रहा,
दर्शन दो मरघट वाले जन्मो.......
रणजीत राजा भी मरघट वाले भजन तुम्हारे गाये,
नाम खुमारी में मत वाला सबको साथ नाच्ये ॥
प्रेम की एसी लोह है लगी अखियो से पानी बरस रहा,
दर्शन दो मरघट वाले जन्मो........