लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
चले पवन की चाल,
मेरा बजरंगबली।।
माँ अंजनी का प्यारा है,
राम भगत मतवाला है,
राम भजन में मस्त रहे,
भक्तो का रखवाला है
भूत प्रेत को मार भगावे,
दुष्टो का है काल,
मेरा बजरंगबली।।
जब जब राम ने हुकुम दिया,
पल में पूरा काम किया,
राम सहारा लेकर के,
पूरा पर्वत उठा दिया,
राम सुमीर कर गढ़ लंका में,
धरा रूप विकराल,
मेरा बजरंगबली।।
मंगल और शनिवार के दिन,
तेरी पूजा भारी है,
सालासर मेहंदीपुर में,
तेरी महिमा न्यारी है,
ये ‘लख्खा’ अब तुझे मनाए,
काटो अब जंजाल,
मेरा बजरंगबली।।
सिया राम, सिया राम, सिया राम, सिया राम.....