अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी,
चूड़ी पहन जब घर से निकलू सखियां देखे खड़ी-खड़ी,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....
बागों में वह श्यामा मिल गए, चूड़ी राधे कहां गई,
फुलवा तोड़ने में मेरे कान्हा, चूड़ी मेरी मोड़ गई,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....
जमुना तट पर श्यामा मिल गए, चूड़ी प्यारी कहां गई,
जमुना नहाते नहाते कान्हा, चूड़ी मेरी मोड़ गई,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....
पनघट पे मोहे कान्हा मिल गए, चूड़ी गुजरिया कहां गई,
गगरी भरते उठाते कान्हा, चूड़ी मेरी मोड़ गई,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....
मधुबन में मोहे श्यामा मिल गए, चूड़ी जोगन कहां गई,
ऐसा नचाया तुमने कान्हा, चूड़ी मेरी मोड़ गई,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....
मंदिर में मोहे कान्हा मिल गए, चूड़ी राधे कहां गई,
देखत देखत तुमको कान्हा, चूड़ी मेरी मोड़ गई,
अब के मोहन मैं पहनूंगी प्यारी चूड़ी सतरंगी.....