थारी चकारी करुँ में खाटू वाले श्याम जी,
अपने प्रेमियों में महारा भी लिखा लो नाम जी
थारा हुकम भजाऊ बाबा दुनिया ने विसरा के
खड़ा रहू चोकठ पे बाबा हर दम शीश जुका के
हाथ जोड़ के करुगा थारे काम श्याम जी
अपने प्रेमियों में महारा भी लिखा लो नाम जी
ना तान्खा की टेंशन बाबा न ती ऐ न दी ऐ,
मैं ही थारा सीऐ आज से मैं ही थारा पी ऐ,
करो आठो याम ठाठ से आराम श्याम जी
अपने प्रेमियों में महारा भी लिखा लो नाम जी
भजन सुनाऊ भोग लगाऊ करू आरती थारी
देख मोहनी सूरत बाबा जाऊ मैं बलिहारी
रहू बन के तुम्हारा मैं गुलाम श्याम जी
अपने प्रेमियों में महारा भी लिखा लो नाम जी