तुझे सांवरे हमेशा,
अपने करीब पाया,
आवाज जब भी दी तुझे,
तू लीले चढ़ के आया,
तुझे साँवरे हमेशा,
अपने करीब पाया.....
कैसे निभाए जाते,
रिश्ते तू जानता है,
हर प्रेमियों को अपने,
दिल से तू मानता है,
आई जब भी कोई मुश्किल,
हिम्मत सदा बढ़ाया,
तुझे साँवरे हमेशा,
अपने करीब पाया.....
मेरे साँवरे ये तेरा,
है प्यार कितना प्यारा,
जब दुख मुझे सताते,
दिल रोता है तुम्हारा,
आँसू का एक कतरा,
आँखों से जो बहाया,
तुझे साँवरे हमेशा,
अपने करीब पाया....
बिन तेरे कुछ नहीं मैं,
तुमसे है मेरी दुनिया,
‘कुंदन’ की खाटू वाले,
तुमसे है सारी खुशियाँ,
मेरी ज़िंदगी को तुमने,
गुलशन सा है सजाया,
तुझे साँवरे हमेशा,
अपने करीब पाया......
तुझे सांवरे हमेशा,
अपने करीब पाया,
आवाज जब भी दी तुझे,
तू लीले चढ़ के आया,
तुझे साँवरे हमेशा,
अपने करीब पाया.....