बंसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बंसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बोले कोयलिया नाच रहे मोर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो॥
ढोल पखावज चंग मिरदंग बाजे,
राधा रंगीली श्याम सुन्दर संग नाचे,
तीनों लोकों में मच गया शोर,
कान्हा ने महारास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो॥
मधुवन में सतरंगी रंग आज बरसे,
उतरे सितारें धरा पे अम्बर से,
चांदनी खींचे मनवा की डोर,
कान्हा ने महारास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो॥
आये झोंका मंद मंद बहकी पवन का,
बिखरी सुगंध महके कण कण मधुवन का,
जमुना मैया का मन ले हिलोर,
कान्हा ने महारास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो॥
प्यारी जुगल छवि छटा बांकी बांकी,
अध्बुद्ध नज़ारा मनोहारी झांकी,
एक चंदा तो दूजा चकोर,
कान्हा ने महारास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो॥
बंसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बंसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बोले कोयलिया नाच रहे मोर,
कान्हा ने आज रास रचायो,
बँसी बाजी रे जमुना की ओर,
कान्हा ने आज रास रचायो......