उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी

उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी,
थोड़े से जीण के खातिर कांयी सौवे।

गहरा गहरा होद भरया घट भीतर ,
नाडुली में कपड़ा सूरता कांयी धोवे,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी

हीरा री खान भरी घट भीतर,
कर्म कांकरिया सूरता कांयी टोवे,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी

गहरा - गहरा दीप चसे घट भीतर,
बातुलि में दिवलो सूरता कांयी जोवे,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी

कहत कमाली कबीरा की बाली,
मोतीड़ा री माला कबीरो पोवे,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी ,
अब थोड़े से जीण रे खातिर कांयी सौवे,
उड़ ज्या नींद भंवर सैलानी

श्रेणी
download bhajan lyrics (638 downloads)