फूल्या की बाई मरगी पंचा ने लाडू भावे
बीमारी में बाबा हो गया , नोट कटा सु आवे !
आखिर बाई को जीव निकल गयो , दुणों घबरावे!!
धबड़ धबड़ तो बाई बले , नाई राच ले आवे !
घटे जो तो हजामत करे दे, चोटी ने राम बचावे !!
आप पास का गांव का जो सुणे बैठ बा आवे !
बीड़ी जेब मु काड़े कोयने ,धामा पे नजर फैलावे !!
वाके मरग्या वाके मरग्या ,यूं यूं के समझावे!
उबा गेहूं ने गेणे मांड दे, शक्कर की बोरिया लावे !!
बना पांच पकवान भाई रे ,पचे जिम्बा जावे !
खेत कूड़ा तो गेणे मंडग्या, तोई खेते मेंलवा जावे!!
मृत्यु भोज ने बन्द करो तो मौकों फेर नहीं आवे!
ई बगत भी कई न होयो,ओंकारो कहे समझावे !!
भजन गायक – चम्पा लाल प्रजापति
मालासेरी डूंगरी – 8947915979
यूट्यूब – चारभुजा लाइव कालियास