श्याम शरण में आते ही,
कमाल हो गया,
श्याम कृपा से मैं तो,
मालामाल हो गया॥
सच्चा साथी श्याम हमारा,
हारे का बन जाए सहारा,
हर संकट का खाटू वाला,
मेरी ढाल हो गया,
श्याम कृपा से मैं तो,
मालामाल हो गया॥
आँख में आंसू देख ना पाए,
रोते चेहरे को ये हंसाये,
श्याम धणी का पा के प्यार मैं,
निहाल हो गया,
श्याम कृपा से मैं तो,
मालामाल हो गया॥
बाँधा इसने ऐसा बंधन मस्ती,
कहता है कुंदन,
करके सेवा सांवरे की,
खुशहाल हो गया,
श्याम कृपा से मैं तो,
मालामाल हो गया॥
श्याम शरण में आते ही,
कमाल हो गया,
श्याम कृपा से मैं तो,
मालामाल हो गया॥