अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो
हम है तेरे प्रेमी बाबा हम को भी रंग डारो डारो,
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो
अरेलाये है निशाँ चडाने हम तो तेरे द्वारे
तुम हो अपने प्यारे बाबा हारे के सहारे
तेरे दीवाने हम मस्ताने चरणों से लगा लो
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो
अरे तुम भी खेलो हम भी खेल दिखा दो बाबा जलवा
अरे तेरे बिन तो सुना सुना लागे है ये भगवा
सेवा तेरी करने आये सेवा श्याम करा लो
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो
मुकेश शर्मा तेरा दीवाना भाव के रंग ले आया
अरे राज निहार है तेरा पागल बस तुझको चाहा
देदो दर्शन मन हो प्रशन अपना हमे बना लो
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो