मेरे वेहड़े विच नचन बहारा,
के वेहड़े विच श्याम आये ने,
आज मेरे वेहड़े विच बंसी वाले आये ने,
देवता ने अरशा तो फूल बरसाए ने,
मैं भी खुशिया दे फूल बरसवा,
के वेहड़े विच श्याम आये ने......
आज मेरे वेहड़े चन चढ़या दूज दा,
वेख जिह्ना न सारा जग पेया पुजदा,
मैं भी पूज के जन्म सवारा,
के वेहड़े विच श्याम आये ने
मात यशोदा दी आँख दा तारा लगदा भगता न जग तो न्यारा,
बड़ा ही प्यारा ॥
मैं भी मखन ते मिश्री ख्वावा,
के वेहड़े विच श्याम आये ने,
दासन दासिया दे भाग आज खुल गये,
जन्मा तो विछड़े श्याम आज मिल गये,
मैं चाकर चौरासी दे कटवा,
के वेहड़े विच श्याम आये ने.......