हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,
ना जाने कितनी सांवरे हमको सत्ता रही,
हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,
ग्यारस का अब तो सांवरे करता हु इन्तजार,
तुमसे मिलन को सांवरे रहता हु बेकरार,
कब से निगाहे याद में आंसू बहा रही,
हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,
हटती न नजर आपसे ऐसे हो जादू गर,
इतना ही तो हम सोचते कुछ बोल दे हजूर,
अब ये जुदाई सांवरे हम को सत्ता रही,
हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,
काटे काटे न दिन प्रभु अब आप से मिले,
कब आपको प्रभु युही हम देखते रहे,
ये दूरियां प्रभु हमे अब तो जला रही,
हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,
इतनी अर्ज करे प्रभु बस सामने रहो,
चौकठ से अपनी सांवरे कभी दूर न करो,
इतनी ही निखिल आप से विनती अब रही,
हम को तुम्हारी सांवरे बड़ी याद आ रही,