मेरे मनमोहन मेरे बाँके बिहारी,
मेरे घर आप आए है ॥
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे घर आप आए है......
चरण इनके धुलाऊ मैं,
पवित्र स्नान कराऊ मै,
करू श्रृंगार मै इनका,
मेरे घर आप आए है,
मेरे मनमोहन मेरे बाँके बिहारी.......
करु मैं भोग की तैयारी,
लगाऊ भोग मैं इनको,
भोग तुम आके लगा जाओ,
मेरे घर आप आए है,
मेरे मनमोहन मेरे बाँके बिहारी.......
भाव दिल से मनाऊ मैं,
भजन इनको को सुनाऊ मैं,
है दीपक की यही विनती,
मेरे घर आप आए है,
मेरे मनमोहन मेरे बाँके बिहारी,
मेरे घर आप आए है ॥
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे घर आप आए है......