हाल-ए-दिल किसको सुनाए आपके होते हुए,
क्यों किसी के दर पर जाएं आपके होते हुए,
हाल-ए-दिल किसको सुनाए...
अपना जीना अपना मरना बस तेरी चौखट पर है,
अब कहां सर को झुकाए आपके होते हुए,
हाल-ए-दिल किसको सुनाए.....
मैं हूं दासी श्यामा जू की बस यही पहचान है,
अब कहां मोहे गम सताए आपके होते हुए,
हाल-ए-दिल किसको सुनाए.....
मैं यह कैसे मान जाऊं लाडो के दरबार में,
छीन ले कोई मेरी अदाएं आपके होते हुए,
हाल-ए-दिल किसको सुनाए.....
सारी दुनिया छोड़ कर तेरी शरण में आ गई,
अब कहां सरकार जाएं आपके होते हुए,
हाल-ए-दिल किसको सुनाए.....