यदि त्रेता में राम न होते, दवापर घनश्याम न होते,
यदि चारो धाम न होते तो जग कल्याण न होता,
यदि राम सिया का वन दमन न होता,
तो दशरथ जी का मरण न होता,
सीता चुराई न जाती लंका जाती न जलाई,
यदि रावण मरण न होता तो जग कल्याण न होता,
यदि अर्जुन के संग श्री कृष्ण न होते,
तो नर दुर्योधन हरे न होते,
राज नहीं जाता सरताज नहीं जाता,
यदि महाभारत न होता तो जग कल्याण न होता
यदि राम के संग में हनुमान न होते ,
तो लक्ष्मण जी बचे प्राण न होते,
कौन सांजवणी लता कौन बूटी पिलाता,
यदि लक्ष्मण जिंदा न होते तो जग कल्याण न होता
यदि भक्तो के संग भगवान ना होते,
तो सारी उम्र के अरमान ना होते,
अरमान नही होता समान नही होता,
यदि गुरु का ज्ञान न होता, तो जग कल्याण न होता