आए जो देने पे तो लाख करोड़ देता है
पापों का घड़ा भर जाए तो साईं फोड़ देता है
साईं की शान निराली,खुशियाँ बरसाने वाली
आया जो दर पे सवाली,लौटा न कोई खाली
संकट से जीवन की नैया को मोड़ देता है
चाहे कितना भी धन हो,औरों को मत दिखलाना
गर मिल जाए जो शोहरत,उड़ने न कहीं लग जाना
उड़ने वाले बन्दों को बाबा छोड़ देता है
साईं ऐसा है दाता,ये सबका भाग्यविधाता
बन के भक्तों का सहारा,हर मुश्किल में है आता
बिखरे सपनों को बाबा पल में जोड़ देता है
जो साईं नित जपता है,श्रद्धा अर्पित करता है
उस दीवाने की साईं,पल में झोली भरता है
'मोहित' हो कर कष्टों के बन्धन तोड़ देता है
मोहित साईं(भजन गायक एवं लेखक)
अयोध्याधाम
09044466616