साई का दरबार सुहाना लागे,
भक्तो का भी दिल दीवाना लागे,
सब का मालिक है इक है साई ये बोले,
सोये भाग जगा दे शिरडी वाले,
साई का दरबार सुहाना लागे,
साई बाबा की समादि पे भक्त जो आये,
साई बाबा उसके बार को हमेशा उठाये,
साई समादि की तो सिडिया चढ़ ले सोये भाग जगा दे शिरडी वाले,
साई का दरबार सुहाना लागे,
भक्तो का भी दिल दीवाना लागे,
साई बाबा जैसा नहीं कोई है ग्यानी साई बाबा जैसा नहीं है कोई दानी,
साई ुधियो से तू तिलक करले सोये भाग जगा दे शिरडी वाले,
साई का दरबार सुहाना लागे,
भक्तो का भी दिल दीवाना लागे,