हर दम तू त्यार है बंदे पाप कमाने के लिए,
कुछ तो समय निकाल बंदे साई भजन गाने के लिए,
जब तक तेल दिये में बाटी जगमग हो रहा,
जल गई तेल लिपट गई बाती ले चल ले चल हो रहा,
चार जने मिल कर आते है तुम को ले जाने के लिए,
कुछ तो समय निकाल बंदे साई भजन गाने के लिए,
हाड जले जैसे सुखी लकड़ी केश जले जैसे घास रे,
कंचन जैसी काया जल गई कोई न आया पास रे,
अपने पराये सब रोते है जग को दिखने के लिए,
कुछ तो समय निकाल बंदे साई भजन गाने के लिए,
माँ के गर्व में जब आया था बोला नाम जपुगा तेरा,
इस झूठी दुनिया में आकर नाम भुला मैं तेरा,
ऋषि मुनि यहाँ सब आते है यही समझाने के लिए,
कुछ तो समय निकाल बंदे साई भजन गाने के लिए,