( नींद निशानी मौत की,
उठ कबीरा जाग,
और रसायन छाड़ि कै नाम रसायन लाग। )
नींद से अब जाग बन्दे,
राम में अब मन रमा,
नींद से अब जाग बन्दे,
राम में अब मन रमा,
निर्गुना से लाग बन्दे है वही परमात्मा,
नींद से अब जाग बन्दे.....
हो गई है भोर अबसे ज्ञान का सूरज ऊगा,
हो गई है भोर अबसे ज्ञान का सूरज ऊगा,
जा रही हर स्वांस बिरधा,
जा रही हर स्वांस बिरधा,
साई सुमिरन में लगा,
साई सुमिरन में लगा,
नींद से अब जाग बन्दे,
राम में अब मन रमा,
नींद से अब जाग बन्दे.....
फिर ना पायेगा तू अवसर कर ले अपना तू भला,
फिर ना पायेगा तू अवसर कर ले अपना तू भला,
स्वप्न के बंधन है झूठे,
स्वप्न के बंधन है झूठे,
मोह से मन को छुड़ा,
मोह से मन को छुड़ा,
नींद से अब जाग बन्दे,
राम में अब मन रमा,
नींद से अब जाग बन्दे.....
धार ले सतनाम साकी बंदगी कर ले ज़रा,
धार ले सतनाम साकी बंदगी कर ले ज़रा,
नैन जो उलटे कबीरा,
नैन जो उलटे कबीरा,
साई तो सन्मुख खड़ा,
साई तो सन्मुख खड़ा,
नींद से अब जाग बन्दे,
राम में अब मन रमा,
निर्गुना से लाग बन्दे है वही परमात्मा,
नींद से अब जाग बन्दे.....