तर्ज - मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा
( मेरे बाबोसा ने ही खुशी, दी उपहार में,
वो आ गये करीब, मेरी एक पुकार में। )
मेरा हमदम वो बनके बाबोसा, मेरे साथ चलता है,
अंधेरो में भी अब मुझको, पता मंजिल का मिलता है॥
मैं था मजबूर दुनिया मे, मुझे ठुकराया अपनो ने,
फरिश्ता बनके बाबोसा.... मेरे सपनों में आये थे,
ना तो घबरा की मैं हु ना, फिकर क्यो अब तू करता है,
अंधेरो में भी अब मुझको, पता मंजिल का मिलता है,
मेरा हमदम वो बनके बाबोसा, मेरे साथ चलता है॥
खुशी से भर गया दामन, नजर जब मुझपे है डाली,
सितारा है बुलन्दी पर... मेरी हर रोज दीवाली है,
बिन मांगे ही बाबा सब , मुरादे पूरी करता है,
अंधेरो में भी अब मुझको, पता मंजिल का मिलता है,
मेरा हमदम वो बनके बाबोसा, मेरे साथ चलता है॥
तुम्हे पाकर के अब बाबा, जरूरत धन ना दौलत की,
तेरे होते मुझे दिलबर ... तमन्ना है ना शोहरत की,
गुजारा देव का बाबा, तेरी रहमत से चलता है,
अंधेरो में भी अब मुझको, पता मंजिल का मिलता है,
मेरा हमदम वो बनके बाबोसा, मेरे साथ चलता है॥