होके नाचूँ अब दिवाना,
मैं प्रभु श्री राम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का......
कुटिया को पावन कर डाली,
शबरी के घर जायके,
धन्य शबरी को कर डाली,
बैर झूठे खाय के,
अपने घर प्रभु को बुलाया,
नाम जप कर राम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का.....
तारी जैसे गौतम नारी,
एक ठोकर मार के,
मेरी भी क़िस्मत जगा दो,
एक ठोकर मार के,
एक वर दे दो प्रभु जी,
मुझ को भक्ति दान का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का.......
तुमने लाखों को है तारा,
मुझ पे भी कर दो दया,
मैं हूँ एक बालक छोटा सा,
शरण तुम्हारी आ गया,
शिव के घट में भी जला दो,
एक दीपक ज्ञान का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का......
होके नाचूँ अब दिवाना,
मैं प्रभु श्री राम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का.....