तर्ज - ये तो सच है कि भगवान है
ये वो चुरू का दरबार है,
जहाँ मिलता सदा प्यार है,
श्री बाबोसा है जिनका नाम,
दीन दुखियों का दातार है,
ये तो चुरू का दरबार है.....
आओ एकबार हम, चुरू धाम चले,
इस दर से बिन मांगे, सब कुछ मिले,
इनकी कृपा से ही, ये गुजारा चले,
इनके साये में, सबको खुशिया मिले,
करते भक्तो पे उपकार है,
अर्जी करता ये स्वीकार है,
श्री बाबोसा है जिनका नाम,
दीन दुखियों का दातार है,
ये वो चुरू का दरबार है.....
धन्य धरा है ये, जिसका चुरू है नाम,
श्री बाबोसा का, जहाँ पावन है धाम,
स्वर्ग सी मस्ती है, आकर देखो जरा,
दिव्य स्वरूप में, बैठा बाबा मेरा,
इनकी महिमा का न पार है,
जिनको पूजे ये संसार है,
श्री बाबोसा है जिनका नाम,
दीन दुखियों का दातार है,
ये वो चुरू का दरबार है.....
यही है कामना, दिल मे है भावना,
चुरू धाम बुला, करते है प्रार्थना,
एक आस मेरी, मन मे विश्वास है,
आऊँ दर पे तेरे, जब तक सांस है,
दिलबर दिल के ये उदगार है,
विभु सच्चा ये दरबार है,
श्री बाबोसा है जिनका नाम,
दीन दुखियों का दातार है,
ये वो चुरू का दरबार है,
जहाँ मिलता सदा प्यार है,
श्री बाबोसा है जिनका नाम,
दीन दुखियों का दातार है......