तर्ज:- घर छोड के ना जाओ कहीं घर ना मिलेगा
दुख दर्द यहाँ सहता है सच बोलने वाला
भगवान तेरी दुनिया का दस्तूर निराला
सब कुछ है दिखावा यहाँ
किस पर यकीन करू मैं -2
सूरत तो भोली भाली
मगर दिल तो है काला
भगवान तेरी दुनिया का दस्तूर निराला
हकीकत बयां करू
तो जुबा कांपने लगी -2
धनवानो ने छिना यहाँ
निर्धन से निवाला
भगवान तेरी दुनिया का दस्तूर निराला
एहतेराम बफा रूपगिर
कैसे कहाँ मिले -2
नफरत ने छुपाया है
मोहब्बत का उजाला
भगवान तेरी दुनिया का दस्तूर निराला
गायक एवं लेखक
रूपगिरी वेदाचार्य जी
7792077586