ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की,
जिसने की बंदगी अपने माँ बाप की,
रहता ईश्वर सदा उनके ही साथ है,
बन गया जो लाठी भुड़े माँ बाप की,.
ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की,
छोड़ो फ़िक्र को तुम खुद पे ध्यान धरो,
अपने माँ बाप की मन से सेवा करो,
निकी सेवा से खुश होते भगवन भी,
जिनको फ़िक्र लगी अपने माँ बाप की,
ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की,
भूल जाते है क्यों जिनकी संतान है,
जिसने जन्म दिया वो ही भगवन है,
उनके जीवन में रहेगी कमी न कभी,
जिनको लागि लग्न आपने माँ की,
ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की,
डांट खाते सभी अपने माँ बाप की,
विपपल प्रेम की कीमत न जानी कभी,
वे सदा खुश रहे न हुए है दुखी,
बन गये जो ख़ुशी अपने माँ बाप की,
ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की,