जरा सोच ले होगी तेरी हँसाई
अगर बात मेरी बाबा अब ना बनाई
जरा सोच ले होगी तेरी हसाई.....
सुरसैन नरसी मीरा नहीं मैं कबीरा,
उठा नहीं सकता मोहन सुदामा सी पीड़ा,
नैया लगा दे किनारे - किनारे अब ना समाई,
जरा सोच ले होगी तेरी हसाई....
लिखा जाएगा कान्हा ये भी एक किस्सा,
मेरी हार मे भी होगा बराबर का हिस्सा,
मारेगी दुनिया ताने - ताने सुनलो कन्हाई,
जरा सोच ले होगी तेरी हसाई....
पूंछेगे दुनिया वाले कहा तेरा श्याम है,
गाता तू रहता हरदम जिसके तू नाम है,
कहा गई 'घोटू' तेरे -तेरे खुदा की खुदाई,
जरा सोच ले होगी तेरी हसाई....