नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी बात में श्याम धणी,
आज संवारा थारी याद में हिचकी आवे बहुत धणी,
झर झर आंसू पड़े आँख सु जो झरने से नीर बहे,
एक एक आंसूडा माहरे अंतर मन की बयथा कहे,
इन आंसूडा के कारन ही सब भगता की बात बने,
नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी.......
सूरत प्यारी प्यारी थारी हिवडे विच समाई जी,
दर्शन देके आस पुगा दो करदो मन की चाही जी,
बात बनी जी महरी संवारा करदो थारी सवामणि,
नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी......
अखिया हो गई लाल बात में अब तो दया दिखाओ जी,
तर्सनो छोड़ो सांवरिया नीले चडके आओ जी
दर्शन दे म्हारो मन हरसा दो महाभारत का वीर,
नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी.........
सुन पुकार अब अपने भगता दी सांवरिया झट आवे है,
करुना सिन्धु भगता पे अपनी करुना बरसावे है,
मात्र तत श्याम सुंदर की महिमा न जाये वरनी,
नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी.........