तर्ज़ - वो भारत देश है मेरा
देखो गली गली और शहर शहर दीपक है जगमगाये,
मेरे रघुनन्दन घर आये, मेरे रघुनन्दन घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये, श्री राम प्रभु घर आये....
आओ हमसब मिलकर दीवाली पावन त्यौहार मनाये,
घर घर में दीप जलाएं, मेरे रघुनन्दन घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये, श्री राम प्रभु घर आये....
जिनका जीवन मानवता और मर्यादा के पाठ सिखाएं,
(श्री राम- श्री राम - श्री राम - श्री राम )
मर्यादा में रहकर वो स्वयं, पुरुषोत्तम है कहलाये,
काँटों के पथ पर चलकर चौदह वर्ष है वन में बिताये..
अब घुनन्दन घर आये, मेरे रघुनन्दन घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये, श्री राम प्रभु घर आये....
चाहे सुख हो या चाहे दुःख हो, वो प्रति क्षण रहते मुस्काये,
(श्री राम- श्री राम - श्री राम - श्री राम )
और राजपथ को छोड प्रभु - सीता संग वन में जाए,
और पिता का वचन निभाए,
प्रभु हनुमान को शक्ति दे - लक्ष्मण के प्राण बचाये,
अब रघुनंदन घर आये -मेरे रघुनदान घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये - श्री राम प्रभु घर आये....
जब इस धरती पर असुरो ने थे, हाहाकार मचाये
(श्री राम- श्री राम - श्री राम - श्री राम )
अत्याचारी रावण ने जब थे, पापविनाश बढ़ाये,
तब प्रभु विष्णु श्री राम रूप धर इस धरती पर आये,
और दुस्ट्जनो को मिटाये,
रावण को मारा विभीषण को लंका का राज दिलाये,
अब रघुनंदन घर आये -मेरे रघुनदान घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये - श्री राम प्रभु घर आये....
देखो गली गली और शहर शहर दीपक है जगमगाये,
मेरे रघुनन्दन घर आये, मेरे रघुनन्दन घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये, श्री राम प्रभु घर आये....
आओ हमसब मिलकर दीवाली पावन त्यौहार मनाये,
घर घर में दीप जलाएं, मेरे रघुनन्दन घर आये,
श्री राम प्रभु घर आये, श्री राम प्रभु घर आये....