राम के चरणों में जो भी आ गया,
कुल जहां की नेमते वो पा गया ।
नहीं दिखा जब मुझे किनारा सामने,
डूबती कश्ती किये मैं आ गया ।
कुल जहां की नेमते...
नहीं मिली मंज़िल जिसे संसार में,
तेरे दर पे सर झुकाने आ गया ।
कुल जहां की नेमते...
अपने भक्तो के सँवारो काज तुम,
ले यही अरदास मैं भी आ गया ।
कुल जहां की नेमते...
बन्दे तू भी नाम जपले राम का,
तर गया जो भी शरण में आ गया ।
कुल जहां की नेमते...